द बोल्ड एंड द ब्यूटीफुल का हालिया एपिसोड एक भावनात्मक सफर था! स्टेफी और होप हमेशा से प्रतिद्वंद्वी रही हैं, लेकिन लियाम, जो उनकी बेटियों का पिता है, को खोने का साझा डर और दर्द उन्हें एक साथ लाया।
होप अभी भी लियाम की गंभीर बीमारी के चौंकाने वाले खुलासे से सदमे में है। उसने स्टेफी से कई सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि उन्होंने सच क्यों छिपाया। स्टेफी ने बताया कि लियाम ने सच न बताने पर जोर दिया था, लेकिन उसने फिर भी सच बता दिया।
होप ने कहा कि उसे कुछ गलत होने का आभास था और उसने स्टेफी का धन्यवाद किया कि उसने सच बताया। दोनों महिलाएं इस खबर पर विश्वास न कर पाने के कारण रोती रहीं। होप इस बात से परेशान है कि चिकित्सा टीम लियाम के ट्यूमर का इलाज नहीं कर पा रही है।
दूसरी ओर, लियाम ने फिन को स्वीकार किया कि वह अपनी बिगड़ती सेहत के बारे में इनकार में था। वह अपनी मौत के करीब आने से निपट नहीं पा रहा है, लेकिन फिन के समझदारी भरे शब्दों ने उसकी सोच में बदलाव लाया। लियाम ने यह भी कहा कि उसे ऐसा नहीं लगता कि वह अकेले बोझ उठा रहा है और फिन और स्टेफी का धन्यवाद किया।
एपिसोड के अंत में, लियाम ने अपने पिता बिल का सामना किया। पिछले बार उनकी मुलाकात में दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। क्या बिल आखिरकार अपने बेटे के प्रति सहायक बन पाएगा, खासकर इस स्वास्थ्य संकट के बीच?
एपिसोड में एक और कहानी में, लूना अपने भ्रमित बुलबुले में फंसी हुई है। फिन की चुनौतियों से अनजान, लूना ने शिला से अपनी शिकायतें कीं। उसने अपनी दादी से कहा कि अगर स्टेफी नहीं होती, तो वह अपने पिता के साथ समय बिता पाती।
उसने यह भी कहा कि वह एक बदली हुई व्यक्ति है जो अपने नए पिता फिन के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना चाहती है। उसने फिन से शिकायत की कि वह जवाब नहीं दे रहा, जबकि फिन ने कहा कि वह व्यस्त है, बिना विस्तार में गए।
क्या लियाम की स्थिति देखने के बाद फिन अपनी बेटी के प्रति अपना नजरिया बदलेगा? देखते रहिए!
You may also like
साझा ऑपरेशन, रफ़ाल पर पाकिस्तान के दावे और बातचीत शुरू होने के बारे में भारतीय सेना ने क्या बताया
IPL 2025 : शूरू हो गया खेल के लिए काउंटडाउन, जानें सबसे बड़ी अपडेट...
Happy Mother's Day 2025: तीनों लोकों का स्वामी माँ के बिना भिखारी है…! मदर्स डे पर अपनी मां को दें ये प्यार भरी शुभकामनाएं
पति के होते हुए देवर संग रंगरलिया मना रही थी भाभी! दोनों ने खा ली साथ जीने मरने की कसमें, फिर ˠ
अपनी सीमा लांघकर खुद को मिट्टी में मिलाना चाहता है पाकिस्तान : अवधेश प्रसाद